सामूहिकता की शक्ति की पहचान और लोकहित में विनियोग जरूरी

व्यक्ति की सीमाएं होती हैं परंतु समुदाय और सामूहिकता का बल कल्पनातीत होता है। लंका विजय के समय सेतुबंध इसका ही एक जीवंत और ऐतिहासिक प्रमाण है। जब समूह स्वार्थ पूर्ति के लिए नहीं वरन व्यापक सामाजिक हित के लिए बनते हैं तो उनकी क्षमता बहुत अधिक होती है। इस उर्जा को यदि लोकहित में लगाया जाए तो चमत्कारी परिणाम मिलते हैं।
मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के सहयोग से महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविदयालय द्वारा मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित परास्नातक और स्नातक पाठयक्रम निश्चय ही अपनी प्रकृति और संचालन व्यवस्था की दृष्टि से नवाचार हैं। इनसे प्रशिक्षित नव युवक गांव में सकारात्मक परिवर्तन के वाहक बनेंगे। इस प्रक्रिया में वे धागे के रूप में सभी सार्थक शक्तियों को पिरोकर एक सुखी समृद्ध और स्वस्थ्य गांव का निर्माण करेंगे। यह कार्य चुनौतीपूर्ण है किंतु सतत परिश्रम और प्रतिबद्धता से लक्ष्य हासिल होगा।
मैं इस पाठयक्रम के लिए सभी छात्रों, अभिभावकों, अध्यापकों, मेंटर्स और परिषद के कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं देता हूं।
विभाष उपाध्याय,
उपाध्यक्ष, जन अभियान परिषद
पंक्ति के अंतिम व्यक्ति की मुस्कान, परिषद की पहचान

पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने एकात्म मानववाद के सिद्धांत का प्रतिपादन किया था। सीख यह कि जब तक हमारे प्रयासों का लाभ समाज के सबसे उपेक्षित और वंचित व्यक्ति को नहीं मिलता तब तक वह सच्चे अर्थों में न तो प्रयास है और न ही विकास है। परिषद का प्रयास रहा है कि सरकार से इतर स्वैच्छिक विकास प्रयासों का साझा मंच बनकर लोगों की सामूहिकता की शक्ति से गांवों की दशा और दिशा में परिवर्तन लाए।
भारतरत्न श्रद्धेय नानाजी देशमुख द्वारा ग्रामीण विकास के लिए संस्थापित समर्पित ग्रामोदय विश्वविदयालय के साथ मिलकर मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत यह एक दीर्घकालीन व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसमें विदयार्थी शासकीय योजनाओं के लाभ अंतिम पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए परिश्रम और पहल करता है और इस सम्पूर्ण प्रक्रिया से स्वयं भी सीखता है। जो बाद में उसे क्षमता सम्पन्न और आत्मनिर्भर बनाती है। वास्तव में यह शैक्षणिक कार्यक्रम माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के स्वप्नों और हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प की जीवंत अभिव्यक्ति है। इस पाठयक्रम से प्रदेश को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में भी सहयोग मिलेगा।
इस अभिनव अनुष्ठान के लिए मेरी शुभकामनाएं।