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स्कालरशिप ( छात्रवृत्ति)

स्कालरशिप (छात्रवृत्ति)

बच्चों की शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति

समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्ता-युक्त शिक्षा सुनिश्चित करना तथा सभी को जीवनपर्यंत सीखने के अवसर सुलभ करना। सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शिक्षा की व्यवस्था को समावेशी बनाने की जरूरत होती है। हम यह जानते हैं कि एक तरफ तो आर्थिक कारणों (गरीबी) के कारण समाज का एक तबका शिक्षा से वंचित रहता है, तो वहीँ दूसरी और सामाजिक स्तर पर हाशिए पर रहे समुदाय भी शिक्षा से वंचित रहते हैं। जब तक यह स्थिति बनी रहेगी तब तक हम समतामूलक और अच्छे समाज की रचना नहीं कर पायेंगे। हमारे संविधान में अब हर बच्चे के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार एक मौलिक अधिकार के रूप में शामिल है। 

शिक्षा के हक को पूरी तरह से उपलब्ध करवाने के लिए और भी महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत होती है। इनमें से एक कदम है शिक्षा के लिए छात्रवृत्तियां दिया जाना। मध्यप्रदेश में अभी की स्थिति में 9 सरकारी विभाग 30 तरह की छात्रवृत्तियां प्रदान करते हैं। मकसद यह है कि अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, लड़कियां, विकलांगता से प्रभावित बच्चों, सामाजिक - रिवारिक समस्यायों से प्रभावित बच्चों को शिक्षा  के साथ जोड़ने के लिए प्रोत्साहन की व्यवस्था हो। यह बच्चों का हक है और राज्य की जिम्मेदारी है। 

इस प्रायोगिक/मैदानी कार्य में हमें यह सुनिश्चित करना है कि गांव/समुदाय में ऐसे बच्चों की पहचान  करना जो किसी भी तरह की छात्रवृत्ति पाने के हकदार  हों और यह सुनिश्चित करना कि उन्हें उनके हक की छात्रवृत्ति नियमित रूप से सहजता और सम्मान के साथ मिले। इस पुस्तिका में आपको राज्य  में सरकार द्वारा संचालित की जा रही सभी छात्रवृत्तियों और उनसे सम्बंधित प्रक्रिया के बारे में  जानकारी मिल जायेगी। समुदाय को लामबंद करते हुए बच्चों के इस हक को सुरक्षित करना है। मध्यप्रदेश में सभी छात्रवृत्तियों को एक मंच पर लाने की पहल करते हुए, इन्हें समग्र पोर्टल से जोड़ा गया है। जिन बच्चों को छात्रवृत्ति मिलना है, उनका समग्र पोर्टल द्वारा निर्मित पहचान क्रमांक जरूर उपलब्ध होना चाहिए।  यदि समग्र पहचान क्रमांक नहीं है, तो सम्बंधित स्कूल की जिम्मेदारी है कि वह  समग्र पहचान क्रमांक और जाति प्रमाण पत्र हासिल करने में  मदद करे। 

छात्रवृत्ति योजनाएं और उनसे सम्बंधित प्रक्रिया

सामान्य निर्धन वर्ग छात्रवृत्ति योजना

परिचय

सामान्य निर्धन वर्ग छात्रवृत्ति (कक्षा 6 -8)

योजना के उद्देश्य-

सामान्य निर्धन वर्ग के (शासकीय विद्यालय) छात्र/छात्राओं को शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिये।

योजना की पात्रता -

  1. सामान्यनिर्धन वर्ग के छात्र/छात्राएं। 2. शासकीय विद्यालयों में कक्षा 6 से 8 में अध्ययनरत। 
  2. जिनकेपरिवारकी वार्षिक आय रु. 54000 से कम हो। 

योजना के लाभ-

कक्षा 6 से 8 के बालक को 200 रु. प्रतिवर्ष एवं बालिका को 300 रु. प्रतिवर्ष की राशि प्रदान की जाती है। 

योजना की प्रक्रिया - 

सम्बंधित शासकीय विद्यालय में अध्ययनरत सामान्य निर्धन वर्ग के विद्यार्थियों को एकल आवेदन पत्र प्रधान अध्यापक प्राचार्य को प्रस्तुत करना। 

सुदामा प्री मैट्रिक योजना 

परिचय

 सुदामा प्री मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना (कक्षा 9-10)

योजना के उद्देश्य - 

 सामान्य निर्धन वर्ग के (शासकीय विद्यालय) छात्र -छात्राओं को शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिये। 

योजना की पात्रता - 

  1. सामान्यनिर्धन वर्ग के छात्र/छात्राएं।
  2. शासकीय विद्यालयों में कक्षा 9-10 में अध्यनरत (नियमित)।
  3. जिनके परिवार की वार्षिक आय रु. 54000 से कम हो। 

योजना के लाभ -

शासकीय शालाओं में कक्षा 9-10 में अध्ययनरत सामान्य निर्धन वर्ग के बालक को 300 रु प्रतिवर्ष एवं बालिका को 400 रु प्रतिवर्ष प्रदान की जाती है। 

योजना की प्रक्रिया -

सम्बंधित शासकीय शालाओं में अध्ययनरत छात्र -छात्राओं को अपनी शाला में एकल आवेदन पत्र प्रधानाअध्यापक/प्राचार्य को प्रस्तुत करना। 

स्वामी विवेकानन्द पोस्ट मैट्रिक छात्रवृतित योजना 

परिचय

स्वामी विवेकानंद पोस्ट मेट्रिक प्रावीण्य छात्रवृत्ति योजना 

योजना के उद्देश्य - 

राज्य शासन द्वारा कक्षा 10 वी की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सामान्य वर्ग के निर्धन मेघावी छात्र-छात्राओं को शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिये।  

योजना की पात्रता -

शासकीय विद्यालय में अध्ययनरत छात्र ध्छात्राओं के परिवार की समस्त स्रोतों से कुल  वार्षिक आय रुपये 54000/- से अधिक न हो। 

योजना के लाभ -

स्वामी विवेकानंद पोस्ट मेट्रिक प्रावीण्य छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत बालक को रुपये 500/- प्रतिवर्ष और बालिका को 550/- रुपये प्रतिवर्ष प्रदान किये जाते है। 

योजना की प्रक्रिया -

सम्बंधित शासकीय विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को एकल आवेदन पत्र प्रधान  अध्यापक/प्राचार्य को प्रस्तुत करना। 

सुदामा शिष्यावृत्ति योजना 

परिचय -

सुदामा शिष्यवृत्ति योजना 

योजना के उद्देश्य-

प्रदेश के जिला/विकासखंड मुख्यालयों पर स्थित शासकीय उत्कृष्ट विध्यालयों मे कक्षा 10वीं व 12वीं मे अद्ध्ययनरत छात्रावास मे निवास करने वाले सामान्य वर्ग के निर्धन परिवार के छात्र छात्राओं की शिक्षा की निरंतरता को सुनिश्चित करने के लिये। 

योजना की पात्रता -

1. परिवारकी समस्त स्रोतों से कुल वार्षिक आय रु. 54000/- से अधिक न हो।

2. कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा प्रथम श्रेणी मे उत्तीर्ण होकर वर्तमान मे कक्षा 11 वीं अथवा 12 वीं मे अध्ययनरत। 

3. विद्यार्थी का छात्रावास में निवासरत होना। 

योजना के लाभ -

कक्षा 10वीं में बोर्ड परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कर कक्षा 11 अथवा 12वीं में अध्ययनरत बालक को 5000 रु प्रतिवर्ष एवं बालिका को 5250 रु. प्रतिवर्ष प्रदान किये जातें हैं। 

योजना की प्रक्रिया -

सम्बंधित शासकीय विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को एकल आवेदन पत्र प्रधान अध्यापक/प्राचार्य को प्रस्तुत करना। 

मृत/अपंग सेवानिवृत शास।कर्मचारियों के बच्चों हेतु छात्रवृत्ति योजना 

परिचय -

मृत/अपंग/से.नि. कर्मचारी के बच्चों को छात्रवृत्ति (केवल शास. विधा. के लिये)

योजना के उद्देश्य-

मृत/अपंग/से.नि. कर्मचारी वर्ग के छात्र/छात्राओं को शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिये। 

योजना की पात्रता -

1. अन्यछात्रवृत्ति का लाभ प्राप्त होने पर मृत/अपंग/से.नि. कर्मचारी के बच्चों को छात्रवृत्ति की पात्रता नहीं होगी।

2. गत वर्ष की कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिये। 

योजना के लाभ -

1. कक्षा1 से 5 तक के बालक को 50 रु प्रतिवर्ष व बालिका को 50 रु प्रतिवर्ष प्रदाय की जाती है। 

2. कक्षा 6 से 8 तक के बालक को 120 रु प्रतिवर्ष व बालिका को 120 रु प्रतिवर्ष प्रदाय की जाती है। 

3. कक्षा 9 से 12 तक के बालक को 250 रु प्रतिवर्ष व बालिका को 250 रु प्रतिवर्ष प्रदाय की जाती है। 

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