महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट, सतना, मध्य प्रदेश
- महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट की स्थापना भारतरत्न राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख के कर-करमलों से मध्यप्रदेश शासन के एक पृथक अधिनियम द्वारा 1991 में की गई थी। यह देश का पहला ग्रामीण विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय का ध्येय है "विश्वं ग्रामे प्रतिष्ठम्" अर्थात ग्राम विश्व का लघु रूप है। स्थापना काल से ही विश्वविद्यालय अपनी सम्पूर्ण उर्जा का विनियोग सर्वांगीण ग्राम विकास के लिए आवश्यक मानव संसाधन के निर्माण, प्रशिक्षण, शोध और प्रसार गतिविधियों के माध्यम से कर रहा है।
- विश्वविद्यालय में पांच संकाय, 14 विभाग, तीन निदेशालय, दीनदयाल कौशल केन्द्र सहित सर्वसुविधा सम्पन्न मुख्य एवं कृषि परिसर है। समग्र ग्रामीण विकास के उद्देश्यों से विश्वविद्यालय कला, विज्ञान एवं पर्यावरण, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी, कृषि, ग्रामीण विकास एवं व्यवसाय प्रबंधन एवं कौशल विकास धाराओं में पाठ्यक्रमों के संचालन एवं शोध की गतिविधियां सफलतापूर्वक संचालित कर रहा है। विश्वविद्यालय क्षमता संवर्धन एवं रोजगार हेतु अनेक स्तरों पर पाठ्यक्रमों का संचालन कर रहा है, जिनमें ओपन एण्ड डिस्टेंस लर्निंग तथा सामुदायिक महाविद्यालय योजना प्रमुख है।
- विश्वविद्यालय राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (NAAC) से ‘A’ ग्रेड प्राप्त है। कार्यक्षेत्र संपूर्ण मध्यप्रदेश है। विश्वविद्यालय निर्धन के मित्र, विकास के चिंतक और शासन के सहयोगी के रूप में अपनी समर्पित सेवाएं राष्ट्र को प्रदान कर रहा है। मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत बीएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम का संचालन शैक्षणिक सत्र 2015-16 से कर रहा है, जिसमें अब तक सवा लाख से भी अधिक छात्र पंजीकृत होकर लाभान्वित हो चुके हैं।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को अंगीकार कर, सम्पूर्ण प्रदेश को लाभान्वित करने और जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजनों तक पहुंचाने हेतु, विश्वविद्यालय सत्र 2022-23 से समाजकार्य के स्नातक और परास्नातक (सामुदायिक नेतृत्व एवं सतत विकास) पाठ्यक्रम प्रारंभ कर रहा है।