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मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम (सी.एम.सी.एल.डी.पी.)
Chief Minister's Community Leadership Development Programme (CMCLDP)
मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम (सी.एम.सी.एल.डी.पी.) मध्यप्रदेश शासन की एक महत्वाकांक्षी और अभिनव पहल है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में वंचित और उपेक्षित समुदाय को शासकीय योजनाओं के माध्यम से जीवन स्तर में सुधार लाकर समाज को सक्षम नेतृत्व प्रदान करने हेतु प्रशिक्षित समूह तैयार करना है।
देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी ने विकास को जनआंदोलन बनाने का आह्वान किया है। हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चैहान ने ‘आओ बनायें स्वर्णिम मध्यप्रदेश’ का संकल्प लिया है। विकास की मुख्य धारा से समाज को जोड़ने के लिए केन्द्र और राज्य शासन की अनेक हितग्राही मूलक योजनायें हैं। जिनमें आम और जरूरतमंद लोगों की सहभागिता सुनिश्चित कर हम विकास को जन भागीदारी और समुदाय भागीदारी आधारित बना सकते हैं। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए सिर्फ शासकीय प्रयास ही पर्याप्त नहीं हैं। समुदाय की भी सक्रिय और सकारात्मक भूमिका आवश्यक है। मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम जनसहभागिता आधारित विकास कार्य को सुनिश्चित करने के लिए क्षमतावान नेतृत्वकर्ताओं को तैयार करने का आधुनिक प्रकल्प है।
शिक्षा को समाज एवं राष्ट्र की अवश्यकताओं के अनुरूप बनाने के लिए नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भारत सरकार द्वारा निर्मित एवं अंगीकृत की गयी है। मध्यप्रदेश पहला राज्य है जिसमे राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू किया है। साथ ही इसके समुचित क्रियान्वयन के लिए सफल एवं समर्पित प्रयास भी किया है। इसी कड़़ी में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय और मध्यप्रदेश जनअभियान परिषद जनभागीदारी आधारित विकास के लक्ष्य की पूर्ति की दिषा में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास’ के संदेशों के साथ विकास का लाभ समाज के अन्तिम व्यक्ति को प्रदान करने हेतु भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्मित एवं अंगीकृत प्रावधानों के आलोक में मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के तहत समाज कार्य स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (सामुदायिक नेतृत्व एवं सतत विकास में विषेषज्ञता सहित) का निर्माण और संचालन करने जा रही है।
सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति का संकल्प सितम्बर 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में 193 सदस्य राष्ट्रों द्वारा अपनाया गया। 17 एसडीजी लक्ष्य और 169 लक्ष्य निर्धारित किये गये। दुनियाँ को बदलने के लिये इस संकल्प को 01 जनवरी 2016 से प्रभाव में लाया गया। वर्ष 2030 तक प्रत्येक देश एवं प्रदेश को भी इन लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करना है। प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्तमान में 200 से अधिक योजनाएँ तथा केन्द्र सरकार एवं अन्य अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा भी 100 से अधिक योजनाएँ चलाई जा रही हैं। इनमें से अधिकाँश योजनाएँ समाज के कमजोर वर्गों विशेष रूप से महिलाओं के उत्थान, वंचित वर्गों के सशक्तिकरण एवं उनके प्रति समाज में सकारात्मक भावना विकसित करने हेतु संचालित की जा रही हैं। इन योजनाओं का लाभ अंतिम पात्र व्यक्ति तक तभी पहुँचाया जा सकता है, जब इनके क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण में समाज की भागीदारी सुनिश्चित हो।
प्रत्येक समाज में कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो स्वेच्छा से समाज के विकास एवं उत्थान के लिए कार्यरत होते हैं। यदि ऐसे लोगों को चिन्हित कर जागरूक, क्षमता सम्पन्न एवं सशक्त कर दिया जाए तो वे अधिक प्रभावी एवं व्यवस्थित तरीके से समाज के विकास के लिए कार्य कर सकेंगे। ऐसे ही स्व-प्रेरणा से प्रयासरत लोगों को शिक्षित कर सशक्त सामाजिक नेतृत्वकर्ता के रूप में विकसित करने हेतु मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। कार्यक्रम का मूल उद्देश्य स्वप्रेरणा से ग्राम विकास में योगदान के अभिलाषी नवयुवकों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास और सामाजिक हितों में उनका अधिकतम उपयोग है। जिससे वे सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में सकारात्मक सहयोग प्रदान कर सकें।
मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के अंतर्गत महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट द्वारा स्थानीय स्तर पर युवकों विशेषकर महिलाओं को एक दीर्घकालीन सघन अकादमिक प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से समाज कार्य स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (सामुदायिक नेतृत्व एवं सतत विकास में विषेषज्ञता सहित) का संचालन किया जा रहा है, जिससे गाँव के क्षमतावान नवयुवक एवं नवयुवतियाँ समुदाय की भागीदारी प्राप्त कर विकासात्मक गतिविधियों हेतु नेतृत्व प्रदान करेंगे। वे शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने में सक्रिय प्रेरक की भूमिका निभायेंगे और विकास अभिकर्ता का कार्य करेंगे, साथ ही समाज कार्य के क्षेत्र में अपने ज्ञान, अनुभव और कौशल का उपयोग कर अच्छे भावी जीवन का निर्माण भी कर सकेंगे।
समाज कार्य स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रम महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा मध्य्रपदेश जनअभियान परिषद के माध्यम से प्रदेश के समस्त 313 विकास खण्डों में अध्ययन-सह-प्रशिक्षण केन्द्रों से संचालित किया जा रहा है। अपने ग्राम को ही समाज कार्य की व्यावहारिक प्रयोगशाला मानकर शिक्षार्थी उसमें विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु समुदाय की भागीदारी से प्रयास करेंगे और इस कार्य में शासकीय योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुँचा कर शासकीय विभागों के साथ व्यवहारिक कार्यानुभव प्राप्त कर स्वयं को दक्ष और निपुण बनायेंगे।