।। उपाध्यक्ष जी का सन्देश ।।
मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद का प्रमुख उद्देश्य राज्य शासन एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के मध्य विकास के सभी क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहित करना तथा सम्बन्धित विषयों पर शासन को सलाह देना है । मध्यप्रदेश राज्य में आर्थिक तथा सामाजिक विकास एवं पर्यावरण संरक्षण आदि के विशिष्ट कार्यक्रम एवं योजनाओं का क्रियान्वयन में स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से समाज में वातावरण तैयार करना है ताकि विकास की गतिविधियों में समाज के प्रत्येक वर्ग की भागीदारी बढ़े । इस लक्ष्य की पूर्ति हेतु सामुदायिक नेतृत्व, प्रशिक्षण, तकनीक एवं विकास के क्षेत्र में अभिनवता को प्रोत्साहित करना है ।
परिषद शासन, स्वैच्छिक संगठनों व समाज का साझा मंच है । पिछले दो दशक की परिषद की यात्रा ने अनेक मील के पत्थर स्थापित किये हैं । मध्यप्रदेश सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं को आमजनों तक पहुँचाकर पण्डित दीनदयाल जी उपाध्याय के अन्त्योदय के स्वप्न को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । मुख्यमन्त्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता के माध्यम से प्रदेश के विकास में आवश्यकता अनुरूप सहभाग करने वाले योग्य युवक-युवतियों को प्रशिक्षित किया है । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक, महान शिक्षाविद पण्डित मदनमोहन मालवीय ने एक आदर्श ग्राम की रचना हेतु सूत्र दिया है ।
"ग्रामे ग्रामे सभा कार्या, ग्रामे ग्रामे कथा शुभा ।
पाठशाला मल्लशाला, प्रति पर्व महोत्सव: ।।"
भावार्थ- ग्राम ग्राम में सभा के द्वारा कार्य निष्पादित हो, ग्राम ग्राम में कथाओं के द्वारा नई पीढ़ी का प्रबोधन हो । हर गाँव में पाठशाला अर्थात अच्छा विद्यालय व व्यायामशाला यानि उचित खेल मैदान हो तथा प्रत्येक पर्व महोत्सव के रूप में मनाया जाए । मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के द्वारा संचालित मार्गदर्शित ग्राम विकास प्रस्फुटन समितियाँ, नवांकुर संस्थायें व अपने विभिन्न आयामों से जुड़े तीन लाख से अधिक सक्रिय सदस्यों के माध्यम से ग्राम विकास की विभिन्न गतिविधियों से मध्यप्रदेश के हजारों ग्राम आदर्श ग्राम की ओर अग्रसर हो रहे हैं ।भारत के यशस्वी माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विकसित भारत के संकल्प के साथ मध्यप्रदेश के दूरदर्शी माननीय मुख्यमन्त्री डॉ. मोहन यादव जी के विकसित एवं आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प को पूर्ण करने हेतु परिषद अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा के साथ जुटी है और अपने "संगच्छध्वम संवद्धवम" के मूलमन्त्र के साथ निरन्तर आगे बढ़ रही है ।
।। जय भारत-जय मध्यप्रदेश ।।