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अ- स्नातक पाठ्यक्रम की संरचना
क्रमांक | पाठ्यक्रम के प्रकार | श्रेणी | पाठ्यक्रम | |||
बी.एस.डब्ल्यू. 1 | बी.एस.डब्ल्यू. 2 | बी.एस.डब्ल्यू. 3 | बी.एस.डब्ल्यू. (ओनर्स ) | |||
1 | अनिवार्य विषय (मेजर) |
1. समाज कार्य का परिचय | 1. समाज कार्य की पद्धतियाँ | 1. सामाजिक वैयक्तिक सेवा कार्य एवं परामर्ष | 1. सामाजिक सामूहिक कार्य (समूह एवं संस्थाएं) | |
2. समाज कार्य के अन्य अवधारणाएं | 2. भारतीय परिप्रेक्ष्य में व्यावसायिक समाज कार्य | 2. सामाजिक मनोविज्ञान | 2. समाज कार्य अभ्यास के क्षे़त्र | |||
2 | अनिवार्य विषय (माइनर) |
1. विकास की अवधारणा एवं क्रियान्वयन | 1. सामुदायिक नेतृत्व | 1. विकास के लिए संचार | 1. सामाजिक शोध एवं सांख्यिकी | |
3 | वैकल्पिक विषय (कोई एक) |
पंचायतीराज एवं ग्रामस्वराज | 1. पंचायती राजः अवधारणा और क्रियान्वयन | 1. विकेन्द्रीकरण नियोजन,बजट निर्माण एवं सहभागी विकास | 1. ग्रामीण प्रौद्योगिकी | 1. सामाजिक अंकेक्षण |
महिला एवं बाल विकास | 2. महिला सशक्तिकरण | 2. पोषण और स्वास्थ्य | 2. बाल विकास सुरक्षा और शिक्षा | 2. लैंगिक समानता एवं महिलाओं के विरूद्ध अपराध | ||
प्राकृतिक एवं अक्षय कृषि | 3. कृषि प्रणाली और सतत् कृषि | 3. प्राकृतिक एवं जैविक खेती | 3. कृषि प्रसंस्करण एवं विपणन | 3. उद्यानिकी एवं विकास | ||
पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधन | 4. पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास | 4. पर्यावरण प्रदूषण: कारण एवं निवारण | 4. प्राकृतिक संसाधनो का प्रबंधन: महत्त्व और प्रयास | 4. वाटरशेड प्रबंधन: जल संकट का वैज्ञानिक समाधान | ||
स्वैच्छिकता एवं विकास | 5. स्वैच्छिकताः अवधारणा एवं पृष्ठभूमि | 5. स्वैच्छिक संगठनों का गठन एवं प्रबंधन | 5. परियोजना नियोजन एवं प्रबंधन | 5. आपदा प्रबंधन | ||
आजीविका एवं कौशल | 6. उद्यमिता विकास | 6. सूक्ष्म वित्त प्रबंधन | 6. उपयुक्त प्रौद्योगिकी | 6. परियोजना नियोजन एवं प्रबंधन | ||
स्वच्छता एवं स्वास्थ्य | 7. मानव जीवन और स्वच्छता | 7. सूक्ष्म स्वच्छ भारत चरण-2 (अपशिष्ट प्रबंधन एवं ओडीएफ प्लस ग्राम) |
7. पेयजल प्रबंधन | 7. आजीवन स्वास्थ्य और भारतीय चिकित्सा पद्धतियां | ||
विधिक विशेषज्ञता | 8. भारतीय संविधान एवं न्यायिक प्रक्रिया | 8. विधिक सेवायें एवं विधिक सहायता तंत्र | 8. महिला, किशोर एवं बाल अधिकारों का संरक्षण | 8. वंचित/विशेष वर्गों के लिए न्याय | ||
संस्कृति, कला एवं देशज ज्ञान | 9. कला एवं संस्कृति | 9. संस्कृति के मूलतत्व | 9. कला के विविध आयाम | 9. सांस्कृतिक परम्परा एवं देशज ज्ञान | ||
सामाजिक समरसता | 10 .समाज और संस्कृति | 10. समाज और परम्परा | 10. समरसता के संस्थागत प्रयास | 10. सामाजिक समरसता एवं संविधान | ||
4 | व्यावसायिक पाठ्यक्रम (कोई एक) |
1. खुदरा प्रबंधन (Retail Management) 2. डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) |
1. खुदरा प्रबंधन (Retail Management) 2. डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) |
1. खुदरा प्रबंधन (Retail Management) 2. डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) |
1. खुदरा प्रबंधन (Retail Management) 2. डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) |
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5 | आधार पाठ्यक्रम (भाषा विषय - कोई दो) |
1.हिन्दी | 1. हिन्दी | 1. हिन्दी | ||
2.अंग्रजी | 2. अंग्रजी | 2. अंग्रजी | ||||
3.संस्कृत | 3. संस्कृत | 3. संस्कृत | ||||
4.पर्यावरण अध्ययन | 4. स्टार्ट अप एवं उद्यमिता | 4. डिजिटल जागरूकता | ||||
5.योग एवं ध्यान | 5. महिला सशक्तिकरण | 5. व्यक्तित्व विकास एवं चरित्र निर्माण |
ब : परास्नातक पाठ्यक्रम की संरचना
क्रमांक | पाठ्यक्रम के प्रकार | श्रेणी | पाठ्यक्रम | |
एम.एस.डब्ल्यू. 1 | एम.एस.डब्ल्यू. 2 | |||
1 | अनिवार्य विषय (मेजर) |
1. सामाजिक सामूहिक कार्य (समूह एवं संस्थाएं) | 1. सामुदायिक संगठन (सामुदायिक कार्य एवं सामाजिक क्रिया) | |
2. समाज कार्य अभ्यास के क्षे़त्र | 2. सतत विकास | |||
2 | अनिवार्य विषय (माइनर) |
1. सामाजिक शोध एवं सांख्यिकी | 1. जीवन कौशल शिक्षा | |
3 | वैकल्पिक विषय (कोई एक) |
पंचायतीराज एवं ग्रामस्वराज | 1. सामाजिक अंकेक्षण | 1. पंचायतीराज में चुनौंतियाँ एवं समाधान के लिये नवाचार |
महिला एवं बाल विकास | 2. लैंगिक समानता एवं महिलाओं के विरूद्ध अपराध | बाल सुरक्षा प्रावधान और चुनौतियां | ||
प्राकृतिक एवं अक्षय कृषि | 3. उद्यानिकी एवं विकास | 3. पशुपालन एवं प्रबंधन | ||
पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधन | 4. वाटरशेड प्रबंधन: जल संकट का वैज्ञानिक समाधान | 4. ऊर्जा संरक्षण और गैर-परम्परागत ऊर्जा स्त्रोत विकास | ||
स्वैच्छिकता एवं विकास | 5. आपदा प्रबंधन | 5. निगमीय सामाजिक उत्तरदायित्व | ||
आजीविका एवं कौशल | 6. परियोजना नियोजन एवं प्रबंधन | 6. विपणन प्रबंधन | ||
स्वच्छता एवं स्वास्थ्य | 7. आजीवन स्वास्थ्य और भारतीय चिकित्सा पद्धतियां | 7. योग एवं स्वास्थ्य | ||
विधिक विशेषज्ञता | 8. वंचित/विशेष वर्गों के लिए न्याय | 8. जन-अधिकारों का संरक्षण | ||
संस्कृति, कला एवं देशज ज्ञान | 9. सांस्कृतिक परम्परा एवं देशज ज्ञान | 9. कला संस्कृति: संरक्षण एवं संवर्द्धन | ||
सामाजिक समरसता | 10. सामाजिक समरसता एवं संविधान | 10. पाश्चात्य देशों में रंगभेद संघर्ष और परिणाम | ||
4 | व्यावसायिक पाठ्यक्रम (कोई एक) |
1. खुदरा प्रबंधन (Retail Management) 2. डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) |
1. खुदरा प्रबंधन (Retail Management) 2. डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) |
वैकल्पिक विषयों का चयन:- स्नातक प्रथम वर्मा में छात्रों द्वारा वैकल्पिक विषय (ओपेन इलेक्टिव) के चयन हेतु दो विकल्प दिये गये हैं। विद्यार्थी वैकल्पिक विषय में अपने मूल संकाय के मूल विषय का चयन कर सकता है अथवा किसी अन्य संकाय के अन्य/सामान्य वैकल्पिक विषय (General Elective) विषय चुन सकता है। जैसे -छात्र ने प्रवेश के समय जिस विषय समूह का चयन किया है, विषय समूह से एक विषय का चयन मुख्य विषय के रूप में शेष में से एक विषय का चयन गौण विषय के रूप में एवं जो तीसरा विषय शेष है उसे वैकल्पिक विषय के रुप में अथवा अन्य संकाय की वैकल्पिक विषय की सूची से वैकल्पिक प्रश्न पत्र का चयन कर सकता है। वैकल्पिक विषय- इस पाठ्यक्रम के उद्वेश्यों के अनुरूप चिन्हित समस्त वैकल्पिक विषयों को निम्नांकित 09 धाराओं में विभाजित किया गया है।
अनिवार्य एवं वैकल्पिक धाराएँ
- महिला एवं बाल विकास
- आजीविका एवं कौशल
- पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधन
- संस्कृति, कला एवं देशज ज्ञान
- पंचायतीराज एवं ग्राम विकास
- स्वैच्छिकता एवं विकास
- अक्षय कृविा
- सामाजिक समरसता
- स्वच्छता एवं स्व्ाास्थ्य
- विधिक विशेषज्ञता
व्यावसायिक एवं कौशल दक्षता संवर्धन के पाठ्यक्रम-
उच्च शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए नयी रा"ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में व्यावसायिक एवं कौशल दक्षता संवर्धन के पाठ्यक्रमों पर बल दिया गया है। मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाकर सामान्य शैक्षणिक विषयों के साथ ही व्यावसायिक एवं कौशल दक्षता संवर्धन के पाठ्यक्रमों को स्नातक एवं स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रमों का सबसे महत्वपूर्ण एवं प्रभावी अंग बनाया है। निम्नांकित 25 विषयों को प्रथम चरण में बी.ए., बी. एस-सी. एवं बी. काम. पाठ्यक्रमों के लिए चयन हेतु प्रस्तुत किया गया है।
क्र. | स्ट्रीम | विषय | कुल विषय |
1. | कला | 1. व्यक्तित्व विकास, 2. सौन्दर्य और स्वास्थ्य कल्याण, 3. पर्यटन परिवहन और यात्रा सेवायें, 4. सुरक्षा सेवायें | 04 |
2. | कृरिा | 1. औषधीय पौधे, 2 जैविक खेती, 3. बागवानी 4. वर्मी कम्पोस्टिंग 5. डेयरी प्रबंधन | 05 |
3. | अभियांत्रिकी | 1. पोषण एवं आहार विज्ञान, 2. विद्युत प्रौद्योगिकी, 3. इलेक्ट्रानिक प्रौद्योगिकी 4. हस्त शिल्प 5. खाद्य संरक्षण और प्रसंस्करण, 6. चिकित्सा निदान | 06 |
4. | प्रबंधन | 1. निर्यात आयात प्रबंधन, 2. जी एस टी के साथ र्इ एकाउन्टिग और कराधान,3. वित्त सेवायें एवं बीमा 4. खुदरा प्रबंधन 5. डिजिटल मार्केटिंग 6 बिक्री कौशल 7. एकाउटिंग एवं टैली कोर्स 8. कार्यालय पक्रिया और व्यवहार | 08 |
5. | विज्ञान | 1. डेस्क टाप प्रकाशन (डी टी पी), 2. वेब डिजाइनिंग | 02 |
कुल योग | 25 |
- प्रमाण पत्र/डिप्लोमा/उपाधि- संबंधित विद्यार्थी द्वारा चयनित मुख्य (मेजर) विषय के नाम से प्रदान की जावेगी।
- जो विद्यार्थी तृतीय वर्या में 5 ओ0जी0पी0ए0 से ऊपर अर्जित करेगा वही चतुर्थ वर्थ हेतु अर्हता रखेगा
- यदि कोर्इ विद्यार्थी प्रत्येक वर्थ के लिये निर्धारित क्रेडिट में 50 प्रतिशत से कम अर्जित करता है तो वह अनुत्तीर्ण घोषित होगा। और उसे उसी स्तर में पूरा वर्ण अध्ययन करना होगा। उसे अगले वर्ण में प्रमोट नहीं किया जायेगा।
- रिपीट/पूरक कोर्स के लिए शुल्क जमा करना होगा।
- यदि वैध कारणों से कोर्इ छात्र उस वर्ष के लिए अपनी परीक्षा नही देना चाहता है तो उसका यह वर्ण शून्य वर्ण माना जायेगा। शून्य वर्ण की दशा में उसे अगले सत्र मे पढने का अधिकार नहीं होगा उसे अगले वर्ण Re-Registration करना होगा।
- आधार पाठ्यक्रम type-1. कुल 4 के्रडिट का होगा जिसमें आंतरिक मूल्याकन नहीं होगा उसमें 100 अंकों की वाह्य परीक्षा होगी।
- आधार पाठ्यक्रम type-2 – 2 क्रेडिट सैद्धांतिक और 2 के्रेडिट प्रयोगिक की होगी। इसमें आंतरिक मूल्यांकन नहीं होगा। वाह्य परीक्षा 50 अंक की होगी और प्रैक्टिकल (वाह्य) परीक्षा 50 अंक की होगी।
- कोर कोर्स type-1 - 6 के्रडिट का होगा।
- एक घंटा थ्योरी या एक घंटा टयूटोरियल अथवा दो घंटा लैब = 1 क्रेडिट, 15सप्ताह होगा।
- इंटर्नशिप की क्रेडिट, 1 क्रेडिट प्रति सप्ताह होगी, एक वर्ण में अधिकतम 12 क्रेडिट होगी।
- उपाधि पूर्ण करने हेतु अंडर ग्रेजुएट डिग्री लेवल 7 की अधिकतम अवधि 6 वर्ण और अंडर ग्रेजुएट (ऑनर्स/रिसर्च) की अधिकतम अवधि 8 वर्ण होगी।
- विद्यार्थियों के लिए कोर कोर्स लेना अनिवार्य होगा।
- द्वितीय वर्थ में 4 क्रेडिट का फील्ड प्रोजेक्ट/इंटर्नशिप/आपरेन्टिशिप कम्यूनिटी इंगेजमेंट एण्ड सर्विस का होगा।
- मेजर, माइनर और जनरल इलेक्टिव के प्रश्न पत्र 3 घंटे के होंगे। जबकि व्यावसायिक एवं आधार पाठ्यक्रम के प्रश्न पत्र 2 घंटे के होंगे।
- प्रश्न पत्र में दीर्ध उत्तरीय, लघु उत्तरीय एवं वस्तुनि"ठ/बहुविकल्प के प्रश्न होंगे।
- आंतरिक मूल्यांकन तीस अंको का होगा जिसमें तीन टेस्ट और चौथा टेस्ट - रिटेन/सेमिनार/एसाइनमेंट सैद्धांतिक प्रश्न पत्रके लिए होगा। जिसमें बेस्ट 3 के अंको को लिया जायेगा।
स्नातक प्रथम वर्ध एवं वोकेशनल कोर्स के अंकों प्रायोगिक अंक/आंतरिक/वाह्य परीक्षा के साथ परियोजना कार्य में Apprenticeship/Internship/Community Engagement के मूल्यांकन के संबंध में निम्न निर्देशानुसार परीक्षा सम्पन्न करायी जाय -
वोकेशनल पाठ्यक्रम :- विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित वोकेशनल पाठ्यक्रम संचालित किये जायेंगे।
वोकेशनल प्रश्न पत्रों के पूर्णाक 100 अंकों के होंगे जिनका वितरण निम्नानुसार होगा -
सेक्सन A अतिलघुत्तरीय प्रश्न | 2x5=10 |
सेक्सन B लघु प्रश्न | 6x5=30 |
सेक्सन C दीर्ध प्रश्न | 15x4=6+0 |
कुल | 100 |
प्रायोगिक परीक्षा में अंको का विभाजन निम्नानुसार होगा
आंतरिक मूल्यांकन -
छात्र की उपस्थिति | 5 अंक |
प्रायोगिक रिकॉर्ड | 30 अंक |
मौखिकी | 15 अंक |
कुल अंक | 50 |
वाह्य मूल्यांकन
- वाह्य परीक्षकों द्वारा मूल्यांकन निम्नानुसार होगा
प्रायोगिक कार्य परीक्षा निर्धारित सूची अनुसार 40 अंक
मौखिकी 10 अंक
कुल अंक 50
- व्यवसासियक पाठ्यक्रम एवं आधार पाठ्यक्रमों में आंतरिक मूल्यांकन नहीं होगा दोनो ही पाठ्यक्रमों मुख्य परीक्षा में 2-2 घंटे के प्रश्न पत्र होंगे।
- आधार पाठ्यक्रम के दो प्रश्नपत्र 100-100 अंकों के होंगे जिसमे बहविकल्पीय प्रश्न होंगे परीक्षा व्डत् सीट द्वारा सम्पन्न होगी, जो विश्वविद्यालय द्वारा देय होगी
परियोजना कार्य:- स्नातक प्रथम वर्ध में परियोजना कार्य का मूल्यांकन दो चरणों मे होगा
आंतरिक मूल्यांकन - 50 अंक
वाह्य मूल्यांकन - 50 अंक
(अ) आंतरिक मूल्यांकन विद्यार्थी द्वारा प्रस्तुत तीन रिपोर्ट (P1,P2,P3) में अधिकतम प्राप्तांक वाली दो रिपोर्ट का मूल्यांकन कुल 50 अंकों का होगा।
(ब) वाह्य मूल्यांकन का विभाजन निम्नानुसार होगा
अंतिम प्रोजेक्ट रिपोर्ट - 30 अंक
मौखिकी - 20 अंक
कुल अंक - 50 अंक
(स) आंतरिक मूल्यांकन शिक्षक पर्यवेक्षक द्वारा सम्पन्न कराया जायेगा तथा वाह्य
मूल्यांकन वाह्य परीक्षकों द्वारा कराया जायेगा
- शिक्षुता Aprenticeship/ प्रशिक्षुता Internship सामुदायिक कार्य Community Engagement इसमें भी आंतरिक एवं वाह्य मूल्यांकन 50-50 अंकों का होगा।
- वाह्य मूल्यांकन - अंतिम प्रोजेक्ट रिपोर्ट
प्रस्तुतीकरण - 30 अंक
मौखिकी - 20 अंक
कुल अंक - 50 अंक
- सामुदायिक कार्य के तहत किये ये कार्यों का मूल्यांकन भी आंतरिक अंक 50 अंकों जो संबंधित संस्था/व्यक्तित्व द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रितपुस्टि प्रपत्र ब्2 (फीड बैक) के आधार पर होगा।
- वाह्य मूल्यांकन -
अंतिम प्रोजेक्ट रिपोर्ट - 30 अंक
मौखिकी - 20 अंक
कुल अंक - 50 अंक