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मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम

Chief Minister's Community Leadership Development Programme (CMCLDP)

संचालन - महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट सतना म.प्र. एवं जन अभियान परिषद् के सहयोग से संचालित

सफलता की कहानी

बाल गतिविधि केंद्र से मिला लक्ष्मी को पढ़ने और बढ़ने का अवसर ( लक्ष्मी ठाकुर )

लक्ष्मी ठाकुर
लक्ष्मी ठाकुर
उम्र 14 कक्षा 3
लक्ष्मी ठाकुर
लक्ष्मी ठाकुर गणित माला से पढ़ते हुए लक्ष्मी

लक्ष्मी ठाकुर उम्र 14 कक्षा 3 के बाद से ड्रापआउट एवं हमारे द्वारा पुनः नामांकन कराया गया माता का नाम जिजिया बाई पिता का नाम गोविंद ठाकुर निवासी ब्लॉक न्यू 5 श्याम नगर भोपाल पारिवारिक विवरण लक्ष्मी ठाकुर पिता गोविंद ठाकुर वर्तमान में श्याम नगर बस्ती में रहते हैं इससे पहले वह अब्दुल्लागंज के पास एक गांव में अपने माता-पिता के साथ रहकर कक्षा तीसरी की पढ़ाई की है लक्ष्मी के पिता मजदूरी का काम करते हैं पिता का काम नियमित नहीं है लक्ष्मी ने कोविड-19 महामारी के कारण स्कूल बंद कर दिया और वह अपने माता-पिता के साथ श्याम नगर बस्ती में अपनी नानी के पास रहने आए |

समस्या क्या थी - लक्ष्मी अपने माता-पिता के साथ अपना स्कूल छोड़कर श्याम नगर में रहने लगी स्कूल ना जाना उसके लिए सबसे बड़ी समस्या बन गई थी जैसे ही लक्ष्मी को हमारे बाल गतिविधि केंद्र की जानकारी मिली वह हमारे सेंटर में पढ़ने एवं अन्य गतिविधियां करने के लिए नियमित आने लगी

हमने क्या किया - हमने लक्ष्मी के बारे में पूरी जानकारी ली और उनके माता-पिता से बात करके उसका एडमिशन शासकीय माध्यमिक शाला बोर्ड कॉलोनी में कराने के लिए कहा, लक्ष्मी का एडमिशन कराने के लिए उसके माता-पिता से बात की तब लक्ष्मी की मम्मी ने बताया कि उनके पास भोपाल के कोई दस्तावेज नहीं है तो वह स्कूल में एडमिशन कैसे होगा तब हमारे द्वारा स्कूल के टीचर एवं प्रिंसिपल से चर्चा की गई तब उन्होने कहा कि आधार कार्ड समग्र आई डी कही की भी होगी तब भी एड्मिसन हो कायेगाऔर लक्ष्मी का एडमिशन कक्षा 5 में कराया गया साथ ही लक्ष्मी का गैप सर्टिफिकेट बनवाया गया

इसका प्रभाव यह हुआ- हमारे द्वारा किए गए इन प्रयासों से लक्ष्मी का पुनः नामांकन हुआ अब नियमित स्कूल जाती है और पांचवी की परीक्षा में 2024 में सफल होकर लक्ष्मी आगे की कक्षा में नियमित पढ़ाई कर रही है ,वर्तमान में लक्ष्मी कुछ पारिवारिक कारण सेअपने गांव जो की जो कि अब्दुल्लागंज के पास है ,वहां पर अपने माता-पिता के साथ रहती है

लक्ष्मी का बाल गतिविधि केंद्र से जुड़ाव - लक्ष्मी का सेन्टर से जुड़ाव इतना है की लक्ष्मी जब भी श्याम नगर आती है ,अपनी नानी के घर तब वह बाल गतिविधि केंद्र में जरूर आती है, और केंद्र में कुछ नया सिखाती है वह कहती है कि दीदी मेरा मन तो भोपाल में ही रहने का होता है परंतु मम्मी पापा के साथ रहने के लिए मुझे उनके साथ गांव जाना पड़ा मैं जब-जब भोपाल आऊंगी तब तब सेन्टर में जरूर आऊंगी हम लक्ष्मी के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं क्रिएटिव लर्निंग सेटंर में बच्चो के साथ किताबे पढ्ते हुए एवं आउट डोर खेल गतिविधि में लक्ष्मी ठाकुर गणित माला से पढ़ते हुए लक्ष्मी |

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छात्रा शिवकुमारी यादव

राज्य ओपन स्कूल की मदद से मिला पढ़ने का रास्ता (खुशी रैकवार)

लक्ष्मी ठाकुर
खुशी रैकवार
उम्र -17

समुदाय - अनुसूचित जाति से हैं एवं मां और भाई दो ही काम दोनों ही काम करके आजीविका चलाते हैं स्कूल तक पहुंच- प्राथमिक विद्यालय एवं माध्यमिक विद्यालय लगभग 600 मीटर की दूरी पर है स्कूल तक पहुंचे तो आसानी से हो जाती है बसाहट के अंदर ही दो प्राइवेट एवं एक मदरसा स्कूल भी उपलब्ध है जिसमें 25 प्रतिशत आरक्षण के साथ भी एडमिशन हो जाता है यदि दस्तावेज सही और उम्र की सीमा सही है तो परिवार की जानकारी खुशी के परिवार में उनकी मां एवं भाई साथ में रहते हैं खुशी के पिता झांसी में अलग रहते हैं खुशी के भाई ई रिक्शा चलाते हैं एवं मां केयरटेकर का काम करती हैं पिता कभी कवर ही आते हैं लेकिन घर का खर्चा मां और भाई दोनों ही मिलकर उठाते हैं पृष्ठभूमि खुशी अपनी मां एवं भाई के साथ श्याम नगर में किराए के मकान में रहती है जिसकी जनसंख्या लगभग 6000 है यहां की मुख्य समस्याएं बिल्डिंग से चैंबर बहता है, कचरा यहां वहां पड़ा रहता है ,सीवेज का पानी की उचित व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसके साथ ही श्याम नगर में नशे का अधिक प्रभाव है यहां नशे के प्रभाव में छोटे बच्चे ,बड़े, महिलाएं एवं युवाएं भी शामिल हैं

खुशी के बारे में विस्तृत जानकारी - खुशी रैकवार श्याम नगर में मां और भाई के साथ रहती है खुशी ने कक्षा सातवीं तक की पढ़ाई शासकीय स्कूल में की है कक्षा आठवीं की पढ़ाई के दौरान किसी कारण से खुशी को सन 2021 में मां एवं भाई के साथ झांसी जाना पड़ा जिससे खुशी कक्षा आठवीं की परीक्षा नहीं दे पाई और वह ड्रॉप आउट हो गई झांसी में खुशी बहुत अकेला महसूस करने लगी लगभग 1 वर्ष तक खुशी झांसी में अपने परिवार के साथ रही लेकिन झांसी में भी परिवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर हो गई बहुत परेशानी होने लगी फिर खुशी की मां और भाई ने वापस भोपाल आने का फैसला किया और भोपाल में आकर भाई देहाडी मजदूरी के हिसाब से ऑटो चलाने का काम करने लगा और मा घर में खाना बनाने का काम करने लगी सन 2023 में खुशी के भाई ने स्वयं का ई-रिक्शा खरीद लिया और अब स्वयं का ई रिक्शा चलाते हैं, खुशी की मां सुबह 9:00 बजे से शाम के 6:00 बजे तक केयरटेकर का काम करने लगी इस बीच खुशी घर में बहुत अकेली रहने लगी और बस सोचती कि काश मैं अपनी पढ़ाई आगे कर जारी रख पाती है खुशी की उम्र अब 17 वर्ष की हो चुकी है अतः अब इस उम्र में स्कूल में एडमिशन लेना उसके लिए कठिन था.

हमने क्या किया - हमारे द्वारा पूरी पढ़ाई देश की भलाई अभियान कैंपियन के अंतर्गत बस्ती से लेकर बड़े-बड़े मंचों तक जानकारी दी गई बस्ती में जब हम जानकारी दे रहे थे उसी समय खुशी को यह पता चला कि हम लोग बेटियों की पढ़ाई के लिए मदद करते हैं तब खुशी ने सोचा शायद में इनके माध्यम से पढ़ाई आगे कर सकूं तब खुशी ने हमसे संपर्क किया हमने उनको दस्तावेजों की जानकारी दी एवं राज्य ओपन से पढ़ाई जारी रखने की सलाह दी अगस्त माह में खुशी का एडमिशन कक्षा 8 में कराया गया अभी खुशी नियमित बाल गतिविधि केंद्र में पढ़ने आती है ,खुशी की परीक्षा दिसंबर 2024 में होगी

प्रभाव क्या हुआ- पूरी पढ़ाई देश की भलाई अभियान का प्रभाव यह हुआ कि जन समुदाय तक बेटियों को पढाने का संदेश देने में सफल हुए एवं खुशी को पढ़ने के लिए नया रास्ता मिला खुशी की तरह और भी कई लड़कियां जिनका रास्ता हआसान हुआ वर्तमान में खुशी अपनी परीक्षा की तैयारी कर रही है

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