खुशी रैकवार
उम्र -17
समुदाय - अनुसूचित जाति से हैं एवं मां और भाई दो ही काम दोनों ही काम करके आजीविका चलाते हैं स्कूल तक पहुंच- प्राथमिक विद्यालय एवं माध्यमिक विद्यालय लगभग 600 मीटर की दूरी पर है स्कूल तक पहुंचे तो आसानी से हो जाती है बसाहट के अंदर ही दो प्राइवेट एवं एक मदरसा स्कूल भी उपलब्ध है जिसमें 25 प्रतिशत आरक्षण के साथ भी एडमिशन हो जाता है यदि दस्तावेज सही और उम्र की सीमा सही है तो परिवार की जानकारी खुशी के परिवार में उनकी मां एवं भाई साथ में रहते हैं खुशी के पिता झांसी में अलग रहते हैं खुशी के भाई ई रिक्शा चलाते हैं एवं मां केयरटेकर का काम करती हैं पिता कभी कवर ही आते हैं लेकिन घर का खर्चा मां और भाई दोनों ही मिलकर उठाते हैं पृष्ठभूमि खुशी अपनी मां एवं भाई के साथ श्याम नगर में किराए के मकान में रहती है जिसकी जनसंख्या लगभग 6000 है यहां की मुख्य समस्याएं बिल्डिंग से चैंबर बहता है, कचरा यहां वहां पड़ा रहता है ,सीवेज का पानी की उचित व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसके साथ ही श्याम नगर में नशे का अधिक प्रभाव है यहां नशे के प्रभाव में छोटे बच्चे ,बड़े, महिलाएं एवं युवाएं भी शामिल हैं
खुशी के बारे में विस्तृत जानकारी - खुशी रैकवार श्याम नगर में मां और भाई के साथ रहती है खुशी ने कक्षा सातवीं तक की पढ़ाई शासकीय स्कूल में की है कक्षा आठवीं की पढ़ाई के दौरान किसी कारण से खुशी को सन 2021 में मां एवं भाई के साथ झांसी जाना पड़ा जिससे खुशी कक्षा आठवीं की परीक्षा नहीं दे पाई और वह ड्रॉप आउट हो गई झांसी में खुशी बहुत अकेला महसूस करने लगी लगभग 1 वर्ष तक खुशी झांसी में अपने परिवार के साथ रही लेकिन झांसी में भी परिवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर हो गई बहुत परेशानी होने लगी फिर खुशी की मां और भाई ने वापस भोपाल आने का फैसला किया और भोपाल में आकर भाई देहाडी मजदूरी के हिसाब से ऑटो चलाने का काम करने लगा और मा घर में खाना बनाने का काम करने लगी सन 2023 में खुशी के भाई ने स्वयं का ई-रिक्शा खरीद लिया और अब स्वयं का ई रिक्शा चलाते हैं, खुशी की मां सुबह 9:00 बजे से शाम के 6:00 बजे तक केयरटेकर का काम करने लगी इस बीच खुशी घर में बहुत अकेली रहने लगी और बस सोचती कि काश मैं अपनी पढ़ाई आगे कर जारी रख पाती है खुशी की उम्र अब 17 वर्ष की हो चुकी है अतः अब इस उम्र में स्कूल में एडमिशन लेना उसके लिए कठिन था.
हमने क्या किया - हमारे द्वारा पूरी पढ़ाई देश की भलाई अभियान कैंपियन के अंतर्गत बस्ती से लेकर बड़े-बड़े मंचों तक जानकारी दी गई बस्ती में जब हम जानकारी दे रहे थे उसी समय खुशी को यह पता चला कि हम लोग बेटियों की पढ़ाई के लिए मदद करते हैं तब खुशी ने सोचा शायद में इनके माध्यम से पढ़ाई आगे कर सकूं तब खुशी ने हमसे संपर्क किया हमने उनको दस्तावेजों की जानकारी दी एवं राज्य ओपन से पढ़ाई जारी रखने की सलाह दी अगस्त माह में खुशी का एडमिशन कक्षा 8 में कराया गया अभी खुशी नियमित बाल गतिविधि केंद्र में पढ़ने आती है ,खुशी की परीक्षा दिसंबर 2024 में होगी
प्रभाव क्या हुआ- पूरी पढ़ाई देश की भलाई अभियान का प्रभाव यह हुआ कि जन समुदाय तक बेटियों को पढाने का संदेश देने में सफल हुए एवं खुशी को पढ़ने के लिए नया रास्ता मिला खुशी की तरह और भी कई लड़कियां जिनका रास्ता हआसान हुआ वर्तमान में खुशी अपनी परीक्षा की तैयारी कर रही है

